स्वास्थ्य-चिकित्सा >> चमत्कारिक तेल चमत्कारिक तेलउमेश पाण्डे
|
6 पाठकों को प्रिय 394 पाठक हैं |
सम्पीड़न विधि
अति प्राचीनकाल से स्थिर तेल निकालने हेतु इस विधि का प्रयोग किया जाता रहा है। इस विधि को घानी से तेल निकालने की विधि भी कहते हैं। इसके अन्तर्गत एक भारी गोल पत्थर को एक गोलाकार नालीनुमा रचना में बेल की सहायता से घुमाया जाता है। इस विधि में या तो पत्थर ही बहुत वजनी लिया जाता है अथवा जिस समय बेल चक्कर लगाता है, उस समय बेल से बंधी हुई लकड़ी अर्थात् अक्ष पर तेल निकालने वाला व्यक्ति स्वयं बैठ जाता है। नाली में वनस्पतिज बीजों को अर्थात् जिस पदार्थ से तेल निकालना होता है, बिछा दिया जाता है। इन बीजों अथवा पदार्थों पर से पत्थर बार-बार घुमाने पर वे दब जाते हैं और उनमें से स्थिर तेल पृथक हो जाता है। अवशेष पदार्थ को खली कहते हैं।
वर्तमान समय में बीज इत्यादि को संपीड़ित करने हेतु बड़े-बड़े वजनदार प्रेसिंग यूनिट्स होते हैं जिन्हें विद्युत की सहायता से चलाया जाता है। प्राचीन विधि की तुलना में आधुनिक विधि में समय और श्रम की बचत होती है। इस विधि से केवल स्थिर तेल निकाले जाते हैं।
|
- जीवन का आधार हैं तेल
- तेल प्राप्त करने की विधियां
- सम्पीड़न विधि
- आसवन विधि
- साधारण विधि
- तेलों के सम्बन्ध में कुछ विशेष जानकारियां
- नारियल का तेल
- अखरोष्ट का तेल
- राई का तेल
- करंज का तेल
- सत्यानाशी का तेल
- तिल का तेल
- दालचीनी का तेल
- मूंगफली का तेल
- अरण्डी का तेल
- यूकेलिप्टस का तेल
- चमेली का तेल
- हल्दी का तेल
- कालीमिर्च का तेल
- चंदन का तेल
- नीम का तेल
- कपूर का तेल
- लौंग का तेल
- महुआ का तेल
- सुदाब का तेल
- जायफल का तेल
- अलसी का तेल
- सूरजमुखी का तेल
- बहेड़े का तेल
- मालकांगनी का तेल
- जैतून का तेल
- सरसों का तेल
- नींबू का तेल
- कपास का तेल
- इलायची का तेल
- रोशा घास (लेमन ग्रास) का तेल
- बादाम का तेल
- पीपरमिण्ट का तेल
- खस का तेल
- देवदारु का तेल
- तुवरक का तेल
- तारपीन का तेल
- पान का तेल
- शीतल चीनी का तेल
- केवड़े का तेल
- बिडंग का तेल
- नागकेशर का तेल
- सहजन का तेल
- काजू का तेल
- कलौंजी का तेल
- पोदीने का तेल
- निर्गुण्डी का तेल
- मुलैठी का तेल
- अगर का तेल
- बाकुची का तेल
- चिरौंजी का तेल
- कुसुम्भ का तेल
- गोरखमुण्डी का तेल
- अंगार तेल
- चंदनादि तेल
- प्रसारिणी तेल
- मरिचादि तेल
- भृंगराज तेल
- महाभृंगराज तेल
- नारायण तेल
- शतावरी तेल
- षडबिन्दु तेल
- लाक्षादि तेल
- विषगर्भ तेल